रांची। राजधानी में मुख्य रूप से जलापूर्ति हटिया, कांके और रुक्का डैम से की जाती है. इस वर्ष अगस्त के दूसरे पखवाड़े के बाद से कांके डैम का जलस्तर सामान्य से ज्यादा होने की वजह से दो बार और रुक्का डैम का फाटक भी एक बार खोला गया है ताकि ज्यादा पानी का दबाव डैम पर न पड़े. वहीं हटिया डैम का फाटक खोलने की नौबत तो इस वर्ष नहीं आयी है परंतु इस डैम में भी 36 फीट पानी जमा है. जबकि क्षमता 38-39 फीट की है. यानि यह डैम भी लबालब भर गया है.
सहायक अभियंता, पेयजल आपूर्ति हटिया नागदेव बैठा ने राजधानीवासियों को भरोसा दिलाते हैं कि पेयजल को लेकर अगले एक वर्ष तक कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि डैम में पानी लबालब भरा हुआ है. अगले मानसून तक अब कोई पानी की राशनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी और भरपूर पानी मिलेगा.
कांके डैम में जलस्तर अधिकतम क्षमता 28 फीट को पार कर गया था और अभी भी यह अपने अधिकतम स्तर 27 फ़ीट पर बना हुआ है. कांके डैम फिल्ट्रेशन प्लांट के कर्मचारी संदीप ने बताया कि डैम लबालब भरा हुआ है और अगले मानसून तक पानी की कोई कमी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि जैसा मौसम पूर्वानुमान है और अगर अगले दो तीन दिनों में अच्छी वर्षा राजधानी और आसपास के इलाके में हो गई तो एक बार फिर कांके डैम के स्लुइस गेट को खोलना पड़ सकता है. पेयजल एवम स्वच्छता विभाग के अभियंता एवम एसडीओ जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं. गौरतलब है कि राजधानी रांची के घरों में जलापूर्ति मुख्य रूप से रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम से की जाती है. तीनों डैम के लबालब भर जाने से अगले वर्ष गर्मी तक या फिर मॉनसून के दस्तक देने तक पीने की पानी की कोई कमी नहीं होती है.