पाकुड़। झारखंड का पाकुड़ एक ऐसा जिला है, जहां मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने वाला मनरेगा यहां के अधिकारी, कर्मी और बिचौलियों के लिए काली कमाई का एक बड़ा जरिया बन गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मनरेगा में मजदूरों के बदले मृतकों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर पैसे की अवैध निकासी की जा रही है. हिरणपुर प्रखंड के बागशीशा पंचायत में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. इसको लेकर डीडीसी ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
मनरेगा में फर्जीवाड़ा का एक मामला जिला में चर्चा का विषय बन गया है. इस बार एक मृत व्यक्ति को मनरेगा मजदूर दिखाकर उसके जॉब कार्ड से राशि की अवैध निकासी भी कर ली गयी है. यह मामला हिरणपुर प्रखंड के बागशीशा पंचायत का है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत कमलचंद पंडित की जमीन पर पौधारोपण किया जाना था. योजना के तहत पौधारोपण कार्य में ऐसे व्यक्ति को मजदूर दर्शा दिया गया, जिसकी 2019 में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी.
मृतक सुबोध पंडित के पुत्र संजय पंडित ने बताया कि उसके पिता का निधन 2019 में हुआ था. लेकिन मृत्यु से पहले कभी भी किसी सरकारी योजना में उन्होंने काम नहीं किया. बल्कि वो अपने घर में ही मिट्टी का घड़ा व बर्तन बनाने का काम करते थे. इधर जिला में मृत व्यक्ति के नाम पर मनरेगा जॉब कार्ड से पैसों की अवैध निकासी को लेकर ज्यादा चर्चा हो रही है. क्योंकि जिस पंचायत सचिव ने मृत सुबोध पंडित को मजदूर बताकर फर्जी निकासी करायी, उसी पंचायत सचिव ने एक साल पूर्व उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया था. मृत व्यक्ति का जॉब कार्ड बनाकर फर्जी निकासी का मामला सामने आते ही हिरणपुर बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी ने पंचायत सचिव एवं तत्कालीन मुखिया से स्पष्टीकरण मांगा है. मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा कर अवैध निकासी के मामले में जिला के उपविकास आयुक्त मो. शाहिद अख्तर ने बताया कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.