चतरा। चतरा कॉलेज के बी.एड. संभाग में हिंदी दिवस पर बुधवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरपी रॉय सहित अन्य शिक्षकों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस कार्यक्रम में बी.एड. संभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नंदकिशोर सिंह, चतरा कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. बालेश्वर राम, साइकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश कुमार झा, इंग्लिश विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष दयाल, बी. एड. संभाग के प्रो. ग्लोरिया ग्रेस होरो, प्रो .शोभा कुजूर प्रो. कंचन सोय मुर्मू.प्रो. प्रेम बसंत बाखला. प्रो.मुमताज अंसारी के साथ-साथ बी.एड.सेमेस्टर 2 सत्र 2021- 23 के सभी प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं एवं सेमेस्टर 4 ,सत्र 2020–22 के सभी प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं और अन्य विभागों के छात्र –छात्राएं उपस्थित रहे.
मंच का संचालन नैना कुमारी और अमन कुमार ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बी.एड.के विभागाध्यक्ष डॉ.नंदकिशोर सिंह ने अपने वक्तव्य में हिंदी की महानता को बताया. उन्होंने कहा कि हिंदी हिंदुस्तान की मुख्य भाषा है. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. इसलिए उन्होंने हिंदी को अपनाने और हिंदी बोल कर अपने राष्ट्र की पहचान बताने पर बल दिया. साथ ही साथ उन्होंने लोगों से अपने दैनिक जीवन में हिंदी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील की. वहीं प्रो. प्रेम बसंत ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी जो हमारी मातृभाषा तो है परंतु यह अपनी पहचान के लिए तरस रही है. ऐसे में उन्होंने हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा और उसकी पहचान दिलाने पर जोर दिया. हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बालेश्वर राम ने हिंदी भाषा को संविधान में लिखित अनुच्छेदों के माध्यम से उसके महत्वपूर्णता के बारे में बताया.
डॉ. बालेश्वर ने हिंदी भाषा को संगठित करके हिंदुस्तान एक सूत्र में बांधने वाला भाषा बताया. चतरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आर.पी राय ने अपने वक्तव्य में हिंदी भाषा को सर्वव्यापी बताया एवं सबसे सरल और आसानी से समझे जाने वाली भाषाओं में जाना जाता है. प्राचार्य ने हिंदी भाषा को अन्य भाषाओं में सर्वप्रथम स्थान दिया. प्राचार्य ने बताया कि हिंदी भाषा किसी की गुलाम नहीं है. उन्होंने बताया कि अटल बिहारी ने यू.एन.ओ में सर्वप्रथम हिंदी भाषा में अपना भाषण दिया था और हिंदी भाषा को राष्ट्रीय पहचान के तौर पर प्रस्तुत किया था.बी.एड. संभाग में हिंदी दिवस पर संगोष्ठी के आयोजन में मंच पर उपस्थित सभी विद्वानों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा और राजभाषा बनाने पर अपने अपने विचार प्रकट किए.इस कार्यक्रम को सफल बनाने में चतरा कॉलेज के बी.एड. संभाग के सभी प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अन्य विभाग के छात्र –छात्राओं की अहम भूमिका रही.