रांची। साहेबगंज जिले में अवैध पत्थर खनन पर रोक लगाने की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है. जिला प्रशासन की ओर से पिछले महीने इस संबध में कार्रवाई की गयी थी. कारवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर की जा रही है. मुताबिक ट्रिब्यूनल ने जिले में चल रहे अवैध पत्थर खदानों को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही ऐसे लीजधारकों का लीज रद्द करने का आदेश भी दिया गया है.
जानकारी हो कि जिला प्रशासन की ओर से सभी अंचल अधिकारियों को इस संबध में सूची उपलब्ध करायी गयी है. साथ ही एक फॉर्मेट भी, जिसके अनुसार क्षेत्र में हो रहे पत्थर खनन की जानकारी मांगी गयी है. जिसके अनुसार कार्रवाई जारी है. बता दें अंचल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र का सर्वे करेंगे. जिसमें खदानों और क्रशरों की सूची बनायी जायेगी. इसके साथ ही एनजीटी का गाइडलाइन भी अधिकारियों को दी गयी है. जिला में इस क्षेत्र में कार्य जारी है. इस सर्वे के साथ ही जिला में पत्थर खदान मालिकों और क्रशर मालिकों को नोटिस भी दे दिया गया है.
पंद्रह से अधिक खदान शामिल: पिछले महीने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राज्य में हो रहे अवैध खनन पर एक फिर से आपत्ति दर्ज की थी. जहां, पत्थर खदानों को बंद करने का आदेश ट्रिब्यूनल ने दिया है. ट्रिब्यूनल ने इस मामले में साहेबगंज जिला प्रशासन को आदेश के साथ ऐसे खदानों की सूची भेजी है. इसमें जिला के पंद्रह से अधिक खदान शामिल है. जिनका लीज रद्द होने की प्रक्रिया की जा रही है. जिन पत्थर खदानों को रद्द करने की सूची जिला प्रशासन के पास आयी है. उनमें अधिकांश मिर्जाचौकी, महादेवगंज, सकरीगली समेत अन्य इलाकों में है.
टीम ने जतायी थी आपत्ति: एनजीटी की टीम समय समय पर संथाल परगना में हो रहे खनन की जांच करते रहती है. मार्च में भी एक टीम साहेबगंज जिला आयी थी. जहां टीम ने जिला में हो रहे खनन पर असंतोष व्यक्त किया था. टीम ने तब रेल लाइन के किनारे और सड़कों के किनारे हो रहे खदानों पर आपत्ति जतायी थी. साथ ही घनी आबादी और प्राकृतिक जलस्रोत के पास चल रही पत्थर खदानों को भी बंद करने का निर्देश दिया है. इसी आलोक में संबंधित लीजधारकों को नोटिस दिया गया है. बता दें राज्य में अवैध खनन के कई मामले एनजीटी के पास लंबित है. कई मामलों में एनजीटी ने सख्ती भी बरती है.