रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान विभाग में रांची विमेंस कॉलेज की 24 आदिवासी छात्राओं का ‘पोषक अनाजों के विशेष संदर्भ में खाद्य प्रसंस्करण (फ़ूड प्रोसेसिंग)’ पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन रविवार को हुआ. प्रशिक्षण में विमेंस कॉलेज के गृह विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र, हिंदी, नागपुरी एवं फैशन डिजाईन के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में अध्ययनरत आदिवासी छात्राओं ने हिस्सा लिया. ये छात्राएं खूंटी, गुमला, रांची, हजारीबाग, लोहरदगा एवं लातेहार की रहने वाली हैं. मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने सभी प्रतिभागियो को प्रमाण-पत्र प्रदान किया.
इस मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने बताया कि छात्राओं को ग्रामीण क्षेत्रों के उपयुक्त खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी एवं उपयुक्त उपकरण, मोटे अनाजों का मुल्यवर्धक उत्पाद, कृषि उद्यमिता के अवसर, भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक, व्यवसाय का वित्तीय प्रबंधन एवं मूल्य वर्धित उत्पादों की विपणन रणनीति की व्यावहारिक जानकारी दी गयो. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी शिक्षित छात्राओं को पोषक अनाजों के प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी से जोड़कर मूल्यवर्धित उत्पादों की उद्यमिता को बढ़ावा देना है.
प्रशिक्षणार्थियों ने भी सराहा
छात्रा अनीशा टोप्पो ने प्रशिक्षण को छात्राओं के लिए बेहद उपयोगी बताया. पोषक अनाजों का प्रसंस्करण द्वारा मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्माण की जानकारी बेहद नया अनुभव है. इससे बड़ी आसानी से उपलब्ध पोषक अनाजों के मूल्यवर्धन से ग्रामीण स्तर पर लघु उद्यम शुरू की जा सकती है. कॉलेज प्रबंधन को छात्राओं के लिए उद्यमिता के गुर को सीखने का अवसर देने के लिए आभार जताया. छात्राओं को डॉ नीलिका चंद्रा, बिंदु शर्मा, एमके श्रीवास्तव, डॉ एसएस कुल्लु, आनंद कुमार सिंह एवं डॉ नीतू कुमारी ने प्रशिक्षण दिया. कार्यक्रम का आयोजन आईसीएआर-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, गढ़खटंगा, रांची के सौजन्य से विवि के कृषि संकाय अधीन कार्यरत सामुदायिक विज्ञान विभाग द्वारा किया गया.