रांची। राजधानी में लगातार हो रहे मौसम परिवर्तन की वजह से वायरल फीवर और सर्दी खांसी जैसी बीमारी पैर पसार रहे हैं . राजधानी के गली मोहल्ले के हर दूसरे घर में लोग इसकी चपेट में हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील भी की गई है लेकिन, भागम भाग के इस दौर में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं हैं. जिसका असर वायरल फीवर, सर्दी, खांसी के रूप में देखा जा रहा है.
वायरल फीवर में डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि मौसम परिवर्तन के कारण शरीर दर्द के साथ साथ सर्दी-जुकाम, तेज बुखार, गले में खरास, सिर दर्द, खांसी, आंख और नाक से पानी निकलने जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वायरल फीवर में बुखार अनियमित हो रहा है. कुछ मरीजों में 103 से लेकर 104 डिग्री तक बुखार देखने को मिल रहा है. इसे लेकर उन्होंने लोगों को कुछ सलाह भी दी है.
•डॉक्टरों की माने तो वायरल फीवर से जो भी लोग ग्रसित हो रहे हैं, वह गीले तौलिए से शरीर को पोछे साथ ही पारासिटामोल टेबलेट का उपयोग कर सकते हैं. इसके बावजूद अगर बुखार और शरीर का दर्द कम नहीं होता है तो मरीज तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि बेहतर इलाज मिल सके.
•डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि बुखार उतर जाने के बाद भी कई बार रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे शरीर की मांस पेशियों में दर्द जैसी समस्या होती है. ऐसे में जरूरी है कि इलाज के दो-तीन दिन बाद तक मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए.
•कई बार वायरल फीवर में बच्चों के आंख और शरीर पीले पड़ जाते हैं. निमोनिया होने का भी खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए वायरल फीवर से ग्रसित होते ही बच्चे को तुरंत ही नजदीकी डॉक्टर से जरूर दिखाएं.