रांची। दो साल के बाद राज्य में फूड टेस्टिंग लैब में सैंपल जांच की मान्यता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दे दी है. इसे लेकर राज्य के व्यवासियों में उत्साह है. मामले में कई पत्र व्यवसायियों की ओर से केंद्रीय मंत्रालय के साथ साथ राज्य सरकार को लिखा गया था. जानकारी हो कि साल 2020 से सैंपल जांच की मान्यता रद्द कर दी गयी थी. नेशनल एक्रिडिएशन फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबॉरिटिज एनएबीएल ने राज्य फूड टेस्टिंग लैब की मान्यता रद्द की थी. एनएबीएल के मानक के अनुसार इस लैब को साल 2020 तक अपग्रेड नहीं किये जाने के कारण एनएबीएल ने इसकी मान्यता रद्द कर दी. ऐसे में दो साल से लैब की मान्यता रद्द रही. अब मान्यता मिलने के बाद राज्य के सैंपल राज्य में ही जांच किये जायेंगे. जानकारी हो कि लैब बनने से हर साल लगभग 1400 सैंपल जांच किये जायेंगे.
कई स्तरों पर लिखे गये पत्र
मामले में व्यवसायियों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से कई बार मंत्रालय और राज्य सरकार को पत्र लिखा गया. इसकी जानकारी देते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉर्मस के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है. अब राज्य में ही लीगल सैंपल की जांच हो सकेगी. लैब का सुगम संचालन नहीं होने के कारण फूड सैंपल की रिपोर्ट जो पहले 14 दिन में आती थी, उसे आने में महीने भर से अधिक समय लग रहा था. जांच रिपोर्ट आने में विलंब के कारण क्वालिटी प्रोडक्ट बेंचनेवाले दुकानदारों को अधिक परेशानी हो रही थी.
विकसित हो सिस्टम
व्यवसायियों की मांग का जिक्र करते हुए किशोर मंत्री ने कहा कि सामान्य लोग भी अपने प्रोडक्ट की जांच इस लैब से कुछ निर्धारित शुल्क का भुगतान देकर करा सकें, इसकी व्यवस्था भी विकसित करनी चाहिए. इससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी. वर्तमान में एफएसएसएआई लाइसेंस लेने के लिए लोगों को प्राइवेट लैब से अपने प्रोडक्ट की जांच रिपोर्ट देने की बाध्यता है. यदि इसी लैब से कुछ निर्धारित शुल्क लेकर जांच रिपोर्ट बनाने की सुविधा दी जाय, तब लोगों को काफी सहयोग मिल सकता है.