पूर्व कार्यपालक अभियंता मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स छह लेन रोड निर्माण में गड़बड़ी मामले में दंडित

रांची। नेशनल हाइवे 33 से मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स होटवार तक छह लेन रोड के काम में गड़बड़ी के आरोप में फंसे तत्कालीन कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल रांची वर्तमान में मुख्य अभियंता के पद पर अधिसूचित सिंगराय टूटी को दिए गये दंड में सुधार किया गया है. सरकार ने 2011 में दिए गये दंड को संशोधित कर राहत दिया है. पथ निर्माण विभाग ने 2011 में उन्हें वेतनमान के प्रथम प्रकम पर पदानवत करते हुए उनके निलंबन के रूप में बितायी गयी अवधि के लिए जीवन निर्वाह भत्ता के अतिरिक्त् और कोई राशि नहीं देने का फैसला लिया है. लेकिन अब इसे परिमार्जित करते हुए पूर्व में दिए गये दंड की तिथि से दो वार्षिक वेतन वृद्धि का संचयात्मक प्रभाव से रोकने का फैसला लिया है. साथ ही निलंबन के रूप में बिताये गये अवधि के लिए जीवन निर्वाह भत्ता के अतिरिक्त और कोई राशि नहीं देने का निर्णय लिया है. खराब गुणवत्ता से बनने के कारण यह सड़क उस वक्त पूरी तरह से फेल कर गयी थी, डीपीआर के अनुरूप काम नहीं किया गया, जिसके कारण हर जगह गढ़ढे निकल आये सरकार ने करोड़ों की लागत से बने इस सड़क के तुरंत खराब होने को गंभीरता से लिया था और इस मामले में तत्त्कालीन कार्यपालक अभियंता सिंगराय टूटी सहित सहायक अभियंता इंदूभूषण सिह, कनीय अभियंता दिनेश महतो, अमर कुमार सिन्हा को दोषी मानते हुए दंडित किया गया था. पूरे मामले पर सिंगराय टूटी ने हाइकोर्ट चले गये. इसी बीच रांची उपायुक्त भी ने भी सदर थाना प्राथमिकी दर्ज कराया जिसके बाद अपर न्यायायुक्त द्वारा एक मामले में उन्हें बरी किया गया. इसके बाद हाइकोर्ट ने भी पूरा पक्ष सचिव के समक्ष रखने को कहा. हालांकि, अपने पक्ष में उन्होंने कोई नई बात नहीं रखी और सिर्फ हाइकोर्ट के निर्णय पर भरोसा जताया. ऐसे में राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कहा कि इस गड़बड़ी में उन्हें पूरी तरह से मुक्त नहीं किया जा सकता है,क्यों कि इसी मामले में अन्य इंजीनियरों को दंडित किया गया. ऐसे में उन्हें दिए गये दंड को परिमार्जित किया गया है. इस संबंध पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार के हस्ताक्षर से आदेश जारी कर दिया गया है.

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