लोहरदगा | कुडू और कैरो वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में जंगली हाथियों ने दो सैकड़ा से अधिक लोगों को बेघर करने के साथ – साथ कइयों को अकाल ही मौत के गाल में पहुंचा दिया हैं। वहीं कई लोग घायल भी हो चुके हैं। जबकि सैकड़ों एकड़ धान, आलू, गोभी, टमाटर और अरहर की फ़सल इन हाथियों ने रौंद डाला है। हां एक बात अलग है कि जब – जब किसी की जान जाती है तब सरकारी अधिकारी इसपर लगाम लगाने की बात करते हैं, लेकिन लगाम लगाना तो दूर अब हाथियों का यह झुंड शहरी क्षेत्र में भी कैटवॉक कर रहा है। हाथियों का आतंक इस बार कुछ महीनों से ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। रात तो रात दिन के उजाले में भी हाथियों का झुण्ड सड़क पर कदमताल करता नज़र आता है।
बीते एक माह में ही जिले के कुडू, कैरो, भंडरा परखण्ड के अलावा लातेहार लोहरदग़ा सीमाने पर स्थित चंदवा थाना क्षेत्र के गांव में जमकर तांडव कर रहे हैं। सोमवार को भी करीब एक दर्जन हाथीयो का एक दल को गोली, कुंदों आदि गांव के ग्रामीणों ने भगाया जिसके बाद ये हाथी कोलसिमरी पंचायत के सिंजो उमरी गांव पहुंचे और गोवर्धन उरांव, तेतरा उरांव, दानियल लकड़ा, जोरोम लकड़ा के घरों बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। बरसात के दिनों में गरीबों के आशियाने उजड़ने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन जिम्मेवारो को कोई फर्क पड़ता नही दिख रहा है। इधर ग्रामीणों की जिंदगी सांसत में अटकी हुई है। और वन विभाग अभी भी पुराने ढर्रे से हाथियों को भगाने में जुटा है।