जमशेदपुर : श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा महायज्ञ प्रारंभ |

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जमशेदपुर : श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, केबुल टाउन का प्राण-प्रतिष्ठा महायज्ञ बुधवार से प्रारंभ हो गया. महायज्ञ के पहले दिन हजारों महिलाओं ने कलश यात्रा में हिस्सा लिया. सोनारी दोमुहानी से कलश में जल भरकर मंदिर लाया गया. महिलाओं के आने-जाने के लिए दर्जनों बसों की व्यवस्था की गई थी. हालांकि मंदिर से कुछ किलोमीटर पहले ही महिलाएं बसों से उतरकर नंगे पांव मंदिर परिसर में पहुंची. महिलाओं की अप्रत्याशित भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था मानो सड़कों पर भक्तों का सैलाब उमड़ आया हो. सभी महिलाएं अनुशासन में चल रही थी. हालांकि लाउड स्पीकर से सभी से अनुशासन बनाए रखने तथा कतारबद्ध होकर चलने की अपील की जा रही थी. बुधवार को कलश यात्रा के साथ ही पंचांग पूजन, ब्राह्मण वरण, मंडप प्रवेश, वेदी निर्माण और जलाधिवास भी संपन्न कराया गया. 4 जुलाई को देवताओं का आवाहन पूजन, पाठ, जप, धन्नाधिवास, धृताधिवास, गन्धाधिवास और धूपाधिवास का कार्यक्रम होगा

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नदी तट पर 31 ब्राह्मणों ने विधिपूर्वक पूजन संपन्न कराई
इससे पहले बुधवार की सुबह 6 बजे से ही महिलाएं मंदिर परिसर में जुटने लगी थीं. सभी महिला श्रद्धालुओं को बसों में बिठा कर सोनारी दोमुहानी नदी ले जाया गया. जहां सबसे पहले गौरी-गणेश का पूजन हुआ. इसके बाद वरुण पूजन, जलमात्रिका, स्थल मात्रिका, जीव मात्रिका और उड़द-दही की बलि दी गई. मौके पर प्रमुख यजमान के रूप में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने संकल्प लिया. उनके साथ कई अन्य लोगों ने भी संकल्प लिया. नदी तट पर 31 ब्राह्मणों ने विधिपूर्वक पूजन संपन्न करायी. इसके बाद सारे लोग मंदिर परिसर में आ गए. जहां पंचांग पूजन, ब्राह्मण वरण, मंडप प्रवेश, वेदी निर्माण और जलाधिवास संपन्न कराया गया.


पंकज टिबड़ेवाल को भी भेजा गया आमंत्रण
केबुल कंपनी परिसर में स्थित श्री लक्ष्मीनारायण (बिड़ला मंदिर) के जीर्णोंद्धार कार्य एवं प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ की जानकारी कंपनी के रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी), पंकज टिबड़ेवाल को भी दी गई है. विधायक सरयू राय ने उन्हें आमंत्रण भेजकर 7 जुलाई को मंदिर में आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्मीनारायण मंदिर का ढांचा काफी जर्जर हो चुका है. जिसके कारण प्रबुद्ध लोगों के साथ मिलकर इसका जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है. विधायक सरयू राय ने पंकज टिबड़ेवाल को याद दिलाया कि इस भव्य और विशाल मंदिर का निर्माण इंडियन केबुल कंपनी द्वारा किया जा रहा था. परन्तु कंपनी की वित्तीय स्थिति खराब हो जाने के कारण इसका निर्माण स्थगित हो गया। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य प्रक्रियाधीन है. इसके पूरी तरह से पुराने स्वरूप में आने के लिए काफी काम करना अभी बाकी है. इस बीच गर्भगृह, गोपुरम और मंदिर की सीढ़ियों का मरम्मत कर दिया गया है, ताकि गर्भगृह में श्री लक्ष्मीनारायण प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हो सके

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