गोड्डा | समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त, गोड्डा श्री जिशान कमर की अध्यक्षता में “समर कार्यक्रम” को लेकर समीक्षा बैठक आहूत की गई।वहीं बैठक के दौरान उपायुक्त के द्वारा जिले में चलाए जा रहे हैं “समर अभियान” के कार्य प्रगति को लेकर समीक्षा की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त के द्वारा समर कार्यक्रम के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर कुपोषण एवं एनीमिया की जांच का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए गए, साथ ही साथ कुपोषण व एनीमिया के सभी मामले की सूची “समर एप” में-आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाए।
आंगनबाड़ी सेविका यह सुनिश्चित करेंगी कि पोषण ट्रैकर में पूर्व से चिह्नित अति गंभीर कुपोषित बच्चे की सूचना “समर एप” में संकलित कर ली गई है। आंगनवाड़ी गांव स्तर पर प्रत्येक दिन कैंप लगाकर ए.एन.एम. की उपस्थिति में सभी संदिग्ध मामलों में कुपोषण (वज़न, लंबाई, उचाई, चिकित्सकीय जांच, भूख की जांच) एवं एनीमिया की जांच की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रतिदिन की प्रगति प्रतिवेदन समर डैश बोर्ड पर संकलित हो और प्रत्येक सप्ताह वस्तु स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराए जाएं।6 माह से 5 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों (SAM), जिनमें कोई चिकित्सीय बीमारी नहीं है एवं वह बच्चा भूख की जांच में पास है का उपचार कम-से-कम 4 माह तक समुदाय आधारित प्रबंधन आंगनवाड़ी केंद्र (SAM) में कराया जाए।
समर अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के पोषक क्षेत्र के लिए एक समर पोषण दल का गठन प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के पोषक क्षेत्र में पड़ने वाले प्रत्येक घर में समर पोषण दल द्वारा बच्चों, किशोरियों, युवतियों एवं गर्भवती महिलाओं में कुपोषण एवं अनीमिया के लक्षण की पहचान करना है।समीक्षा के क्रम में उपायुक्त के द्वारा निर्देश दिए गए कि आवंटित लक्ष्य के अनुरूप शत् प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने की दिशा में कार्य पूर्ण किए जाएं।इस मौके पर समाज कल्याण पदाधिकारी आलोक वरूण केसरी व सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिका एवं समाज कल्याण विभाग के कर्मीगण मौजूद थे।