लोहरदगा भंडरा के गडरपो पंचायत में हाथियों के तांडव से ग्रामीण आतंकित हैं. ग्रामीण झुंड बनाकर पहाड़ों में या खुले मैदान में सपरिवार रात गुजारने मजबूर हैं। 17 हाथियों के दल ने सूखे की मार झेल रहे यहां ग्रामीणों के दर्जनों घरों को तबाह कर दिया है। पिछले तीन दिनों में 17 जंगली हाथियों के दल ने कचमची से डुमरी पहुंचकर वहा जम कर तांडव मचाते हुए कई किसानो के फसल बर्बाद किया.घरों को तोड़ दिया। हाथियों ने ग्रामीणों के कई फसल को भी व्यापक नुकसान पहुंचाया है। हाथीयों का झुण्ड बारन्दा से पुनः पलमी होते हुए जमगई की ओर चले गए परंतु एक बड़ा हाथी झुण्ड से बिछड़ कर पोड़हा क्षेत्र मे जम कर उत्पात मचा रहा है जिससे ग्रामीण खौफ में हैं। हाथियों के एक साथ चिंघाड़ की आवाज ग्रामीण भूल नहीं पा रहे हैं।
हाथियों ने सबसे ज्यादा तबाही ग्राम पोड़हा में मचाई, जहां दर्जनों घरों को हाथी ने क्षतिग्रस्त कर दिया। तो दर्जनों ग्रामीणों के चावल धान को बर्बाद कर दिया.पोड़हा मे उमेश मांझी, अमीन बड़ाईक, कर्मपाल बड़ाईक, मुकेश साहू, हजारी साहू, शीतल देवी, सुरेश साहू, आराधया भगत, सुरेश उरांव आदि कई ग्रामीणों के घर को क्षतिग्रस्त कर घर मे रखे अनाज को बर्बाद कर दिया. कई ग्रामीणों ने घर से किसी तरह भाग कर जान बचाये. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों की चिंघाड़ से हम लोगों को पता चला कि हाथी घर की ओर आ रहे हैं,तो हम पूरे परिवार के साथ घर छोड़कर भाग गए। इसी प्रकार हाथी जैसे-जैसे गांव के अंदर की ओर जाते रहे वैसे-वैसे दहशत में गांव का एक-एक घर खाली होता रहा। एक ओर ग्रामीण सूखा से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे। वहीं अब हाथियों द्वारा उनके आशियाने तोड़ दिए जाने के बाद किसान परेशान हैं।
प्रशासन को जल्द नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की जरूरत है ताकि लोगों का जनजीवन पटरी पर लौट सके।हाथियों द्वारा बरपाए ऐसे कहर के बाद हुई तबाही के बाद भी प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा गांव में हुई क्षति का आकलन करने अभी तक नहीं पंहुचा जिससे ग्रामीणों मे आक्रोश है.हाथियों के भय से अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। वन विभाग के जमीनी अमला की कार्यप्रणाली से भी ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा नुकसान का आकलन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। इधर रेंजर ने बताया की सभी पीड़ित परिवार को 15 दिनों मे मुआवजा दिया जायेगा. ग्रामीण जल्द अंचल कार्यालय मे आवेदन दे