बरहरवा/साहिबगंज(उजाला)।रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को बरहरवा रेलवे स्टेशन पर बड़ी कामयाबी मिली है।आरपीएफ ने ट्रैफिकिंग कर मजदूरी कराने के लिए ले जाए जा रहे 2 नाबालिग बच्ची को मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए दोनों बच्ची पाकुड़ जिले के रहने वाली हैं। इन बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच है। बताया जा रहा है कि इन बच्चियों को तस्कर द्वारा दिल्ली ले जाया जा रहा था।पूछताछ के क्रम में पता चला है कि बच्चियों को दिल्ली स्थित एक कूलर फैक्ट्री में मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा था।लेकिन उनको बहला-फुसलाकर अच्छी नौकरी दिलाने का वादा करके इन बच्चों को दिल्ली ले जाया जा रहा था।दोनों बच्ची को हर महीने सात-सात हजार रुपए दिए जाने की बात कही गई थी।
आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी की दो लड़कियाँ बाहर काम के लिए निकली है ।सूचना मिलते ही शनिवार की देर शाम आरपीएफ की टीम ने आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व में बरहरवा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर छापेमारी की।इस दौरान इन बच्ची को देखा तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद जब बच्चों से पूछताछ की गई तब मामले का खुलासा हुआ।मुक्त कराए गए दोनों बच्ची को बाल संरक्षण मंथन साहिबगंज को सौंप दिया गया है।पूछताछ के क्रम में दोनों ने अपना पहचान रानी मुर्मू पिता लखिराम मुर्मू,मुन्नी मुर्मू पिता रामचंद्र मुर्मू बताया है।आगे बताया की वे काम करने के लिए दिल्ली जा रही है।बता दें कि झारखंड-बिहार से बच्चों और लड़कियों की ट्रैफिकिंग करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। इन्हें दिल्ली में चलने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों को सौंप दिया जाता है।और इसके बाद उन्हें दिल्ली, राजस्थान,उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के शहरों में बेच दिया जाता है।