यासिर अराफ़ात @झारखंड उजाला ब्यूरो।
पाकुड़ : प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी किस्मत आजमाने के लिए कई उम्मीदवार मजबूती के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां वर्तमान विधायक आलमगीर आलम जेल में कैद है, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंदर एक यह जुनून देखा जा रहा है की कांग्रेस पार्टी से टिकट तो आलमगीर आलम को ही मिलेगी. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि किसी कारणवश अगर आलमगीर आलम को टिकट नहीं मिलती है तो उनकी जगह पर उनका बेटा तनवीर आलम को टिकट मिलनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर सुदेश कुमार महतो को बाय-बाय करने वाले पूर्व विधायक अकील अख्तर अभी साइलेंट मोड पर है. वे चुनावी सभा जमकर कर रहे हैं लेकिन किस पार्टी से लड़ेंगे यह अभी भी सीक्रेट ही है. लोग अलग-अलग दावा भी कर रहे हैं की कहीं अकील अख्तर की घर वापसी ना हो जाए. अब घर वापसी का मतलब समझ जाइए. वहीं अगर बात की जाए बीजेपी की तो बीजेपी ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि पाकुड़ विधानसभा में आजसू और बीजेपी का गठबंधन होगा कि नहीं.
यह तो माना जाता है कि पूरे प्रदेश में दोनों पार्टियां गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ेगी. जैसा कि पिछली बार भी हुआ था पूरे प्रदेश में दोनों पार्टियों ने गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ा था परंतु पाकुड़ विधानसभा में बीजेपी ने अलग अपना उम्मीदवार बेनी प्रसाद गुप्ता को दिया था और आजसू पार्टी ने अपना उम्मीदवार अकील अख्तर को चुनावी मैदान में उतार दिया था. हालांकि पिछली बार भी चुनाव से पहले यही कहा जा रहा था कि भाजपा यहां से उम्मीदवार नहीं देगी,अकील अख्तर को ही बीजेपी सपोर्ट करेगी. लेकिन पिछली बार वैसा बिलकुल नहीं हुआ. पाकुड़ विधानसभा में दोनों पार्टी के नेता अलग-अलग चुनाव लड़े. लेकिन इस बार का चुनाव बड़ा दिलचस्प होते हुए नजर आ रहा है. वह इसलिए की हाल ही में शामिल हुए आजसु पार्टी में अजहर इस्लाम इसी उम्मीद में है कि वह आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे. उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरते हुए जन समर्थन भी मांगना शुरू कर दिया है.
जिस दिन यहां सुदेश कुमार महतो आए थे उस दिन पत्रकारों ने सुदेश कुमार महतो को यह सवाल भी किया था कि पाकुड़ विधानसभा में दोनों पार्टियां क्या एक साथ चुनाव लड़ेगी या फिर दोनों पार्टियों का उम्मीदवार अलग-अलग होगा, इस बात का सुदेश कुमार महतो ने यह जवाब दिया था कि हमारी यह कोशिश रहेगी कि पाकुड़ विधानसभा की सीट आजसु के पाले में आए. सोच कर देखिए उनके शब्द था “कोशिश”. यानी कि वह खुद कंफर्म नहीं थे. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जानकारी आ रही है कि बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए शंभू भगत ने भी कमर कस ली है. इधर पाकुड़ के पूर्व विधायक वेणी प्रसाद भी इसी उम्मीद में है कि इस बार भी उन्हीं के ऊपर बीजेपी भरोसा करेंगी. और उन्हीं को टिकट मिलेगी. वही मुकेश शुक्ला भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. अपना बयान तक दे चुके हैं कि अगर बीजेपी मुझे टिकट देती है तो मैं बीजेपी से चुनाव लड़ूंगा अगर बीजेपी हमें टिकट नहीं देती है तो मैं निर्दलीय भी चुनाव लड़ूंगा. अब लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी पाकुड़ विधानसभा में अपना उम्मीदवार उतारती है तो आजसू के नेता अजहर इस्लाम जो अभी जबरदस्त तरीके से चुनावी सभा कर रहे हैं और अपने लिए जन समर्थन मांग रहे हैं. अगर वैसी स्थिति हो जाती है तो अजहर इस्लाम का क़दम क्या होगा. लोगों में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि बीजेपी ने अब तक किसी भी पार्टी को गठबंधन में रहते हुए भी पाकुड़ विधानसभा में बीजेपी के उम्मीदवार के अलावा किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया है. इस बार अगर भाजपा अपनी उम्मीदवारी छोड़ देता है तो यह एक रिकॉर्ड होगा पाकुड़ विधानसभा के लिए पहली बार बीजेपी ने किसी दूसरी पार्टी को मौका दिया है