कुलबीर सिंह@ झारखंड उजाला संवाददाता
सिंदरी /धनबाद। मंगलवार को डीएवी पब्लिक स्कूल सिंदरी धनबाद के बच्चों ने छठ महापर्व पर अपने गीतों और परिधानों से सबका मन मोह लिया। अपने गीतों के माध्यम से अर्घ देने से लेकर पारण तक की प्रक्रिया का एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। बच्चों ने पारम्परिक परिधान, साज सज्जा, प्रतिभा और गीतों के माध्यम से छठ पर्व को जीवंत किया। गीतों की बोल पहिले पहिल हम काईनि, छठी मैया व्रत तोहार और जोड़े जोड़े फलवा , सुरुजदेव घटवा पे तिवई चडावे ले हो एवम् केरवा के पात पर उगेलन सूरजवा ले झांके झुंके, के करेलु छठ व्रतिया के झांके झुंके आदि गीतों पर सभी को झुमाया।विद्यालय के प्राचार्या अशोक कुमार सिंह ने कहा इस तरह का आयोजन करने से बच्चों में अपनी सभ्यता व संस्कृति की परंपराओं का विकास होता है। भारत समृद्ध संस्कृतियों का देश है। समय-समय पर स्कूल में इस तरह का आयोजन होना चाहिए। छठ पूजा का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व में बाँस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्त्तनों, गन्ने का रस, गुड़, चावल और गेहूँ से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है। इस अवसर पर इन सभी बच्चों को प्रशिक्षित करने वाले बृज किशोर द्विवेदी, शुभम कुमार और विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद थे।
डीएवी पब्लिक स्कूल सिंदरी धनबाद के बच्चों ने छठ महापर्व को किया जीवंत |
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