रांची। राजकीय श्रावणी मेला, 2022 की पहली सोमवारी पर बाबा नगरी देवघर में चारों ओर बोल बम का नारा गुंजायमान है. मेले के पांचवें दिन औऱ पहली सोमवारी पर बाबा भक्तों का उल्लास, उमंग अहले सुबह से देखते ही बनता है. प्रातः 03:50 बजे मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया. कांवरियों की कतार तड़के सुबह ही मंदिर से कुमैठा तक पहुँच चुकी है. शिवभक्तों की गूंज से रूट लाईन गुंजायमान है. सभी कांवरिया कतारबद्ध हो बाबा का जयघोष करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि पहली सोमवारी पर करीब एक लाख या इससे भी अधिक शिवभक्त आज अर्घा सिस्टम के जरिये जलार्पण करेंगे. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से रूट लाईन के हर प्वाइंट पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.
जिला प्रशासन लगातार अलर्ट
राजकीय श्रावणी मेला 2022 के पहली सोमवारी को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री खुद लगातार रुटलाइन का निरीक्षण कर रहे हैं. 17 जुलाई की रात से ही हर तरह की गतिविधियों का जायजा ले रहे हैं. इस क्रम में दिखा कि पहली सोमवारी को लेकर श्रद्धालुओं की कतार नंदन पहाड़ पहुँच चुकी है.
इसके अलावे श्रावण मास की पहली सोमवारी को लेकर बाबा नगरी आने वाले लाखों देवतुल्य श्रद्धालुओं को राहत देने और उनकी सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाओं को पहले से ही सुदृढ़ कर लिया गया है. इस कड़ी में 17 जुलाई को बीएड कॉलेज परिसर में सभी वरीय पदाधिकारियों एवं दंडाधिकारियों को डीसी ने ब्रीफ भी किया था. इस दौरान तैयारियों की समीक्षा कर सबों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया गया. साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को उनके कर्तव्यों व दायित्वों से अवगत भी कराया गया.
श्रद्धालुओं की भीड़ पर नजर
पहली सोमवारी को देखते उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला रविवार की देर रात से ही मंदिर प्रांगण, मेला क्षेत्र तथा सीसीटीवी के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. इस दौरान उन्होंने सभी महत्वपूर्ण स्थलों का निरीक्षण कर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों तथा सुरक्षा बल के जवानों को आवश्यक निदेश भी दिये. कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो, इसे सुनिश्चित करते रहें. सभी अपने कर्तव्यस्थल पर हर हाल में रहेंगे. किसी भी स्थान पर श्रद्धालुओं को एकत्र नहीं होने दें ताकि किसी तरह की भी विपरीत परिस्थिति उत्पन्न ना हो.
मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी तथा सुरक्षा बल के जवान भी देर रात से ही अपने कर्तव्यस्थल पर उपस्थित हैं. सुरक्षा बल के जवान श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कर रहे हैं ताकि वे सुगमतापूर्वक जलार्पण बाबा पर कर सकें. साथ ही कतार में घुसपैठ नहीं हो, इसे भी सुनिश्चित किया जा रहा है. श्रावणी मेला के दौरान सिंह द्वार को श्रद्धालुओं का निकास द्वार बनाया जाता है. जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी यहां उपस्थित रहकर हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी श्रद्धालुओं की सेवा में लगी हुई है. जरूरतमंद श्रद्धालुओं को जरूरी दवाइयां भी दी जा रही हैं. सूचना सहायता कर्मी भी देर रात से ही ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बिछड़ों को मिलाने कर कार्य कर रहे हैं.