गिरिडीह। आपराधिक घटनाओं का खुलासा करने में जिला पुलिस पिछड़ रही है. जिला मुख्यालय के मुफ्फसिल थाना पुलिस का सवा महीने में दो हत्याएं हुई लेकिन दोनों ही मामलो में पुलिस के हाथ खाली है. हालात ये है कि वरीय अधिकारी भी अब बढ़ती घटनाओं को रोकने और खुलासा को लेकर किसी जूनियर अधिकारी से कुछ कह तक नहीं पा रहे हैं.
सरिता देवी हत्याकांड में जहां मुफ्फसिल थाना पुलिस आरोपियों का पहचान तक नही कर पाई है. तो दूसरे हत्याकांड बासुदेव हत्याकांड में इसी मुफ्फसिल थाना पुलिस की लापरवाही भी सामने आई. क्योंकि गिरिडीह डुमरी रोड के बंद्रकुप्पी गांव में 14 जुलाई को गोलगप्पा दुकानदार बासुदेव की हत्या उसी गांव के मुरली पांडेय, दिलो साहू, प्रभकार पांडेय समेत चार आरोपियों ने मिलकर कर दी थी वो भी इसलिए कि उसने सुधखोरों को सुध समेत पैसा वापस नहीं किया था.
इसी को लेकर सोमवार को शहर में दो अलग अलग धरना देकर सोए हुए गिरिडीह पुलिस को जगाने का प्रयास हुआ. पहला धरना भाजपा की ओर से टावर चौक पर किया गया. किसान मोर्चा के धरने का नेतृत्व मोर्चा के जिला अध्यक्ष दिलीप वर्मा कर रहे थे. तो धरने में जिला अध्यक्ष महादेव दुबे के साथ पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साहू, विनय सिंह, जिला महामंत्री संदीप डंगाईच, सुभाष चंद्र सिन्हा, भाजपा नेत्री उषा कुमारी, पूर्व मेयर सुनील पासवान भी शामिल हुए. जबकि सरिता देवी को इंसाफ दिलाने के लिए भाजपा किसान मोर्चा के इस धरने में महिलाओ की तादाद सबसे अधिक रहा.
वहीं दूसरी घटना गोलगप्पा दुकानदार के साथ बंदेरकुप्पी में हुआ था. चार दिन पहले हुए हत्याकांड में पुलिस के हाथ इस हत्याकांड में भी खाली है. तो दूसरी तरफ उसकी पत्नी और दो बच्चो का भरण पोषण करना सबसे मुश्किल हो चुका है. गोलगप्पा दुकानदार बासुदेव साहू हत्याकांड के खिलाफ राष्ट्रीय तेलिक साहू समाज के गिरिडीह इकाई ने बस स्टैंड में धरना दिया. और गिरिडीह पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरने में रामबाबू साहू, सीमा देवी, बबली देवी, जेडीयू जिला अध्यक्ष तिरभुवन दयाल के साथ साहू समाज के कई सदस्य शामिल हुए.