चतरा:-समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में अवैध अफीम की खेती के विनष्टीकरण तथा निषिद्ध मादक पदार्थों को रोकने के लिए की गई कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन की बिंदुवार समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी थाना प्रभारी एवं वन विभाग के पदाधिकारियों से अफीम की खेती के विनष्टीकरण तथा निषिद्ध मादक पदार्थों को रोकने को लेकर अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी ली गई। जिसमें पॉवर ऑफ प्रजेंटेशन प्वाइंट के माध्यम से जानकारी दिया गया कि वन प्रमंडल उत्तरी द्वारा वित्तीय वर्ष में वन भूमि पर 167.08 एकड़ एवं गैर वन भूमि पर 85.05 एकड़ भूमि पर अवैध अफीम की खेती विनष्ट की गयी एवं 77 वन वाद / चेतावनी की कार्रवाई की गयी है। वन प्रमंडल दक्षिणी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 39.37 एकड़ वन भूमि व रैयती भूमि पर अवैध अफीम की खेती की सूचना के आलोक में 18 वनवाद दायर की गयी है एंव 04 गिरफ्तारी की गई है। 01 डीजल पंप जप्त करने की कार्रवाई की गई है। उक्त डेटा 20 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक का है।
पुलिस विभाग ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना के आलोंक में गत 03 वर्षों में कुल 45 कांड दर्ज किए गए है एवं 3152 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती का विनष्टिकरण किया गया है। साथ ही वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए भी कार्रवाई की जा रही है। उपायुक्त ने कहा अफीम की खेती के विनष्टीकरण, रोकथाम एवं आमलोगों को इसके दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करने हेतु प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिससे उक्त विनष्टीकरण, रोकथाम का कार्य सुगमता पूर्वक किया जा सके। सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करे। भोले भले लोगों को उक्त कार्य में संलिप्त करने वाले लोगों के ऊपर कठोर कार्रवाई करें। बैठक में उक्त कार्रवाई के अलावे पूर्व में भी की गई कार्रवाई की भी गहनता पूर्वक समीक्षा की गई।