रिश्वत लेने पर मुखिया एवं पंचायत सेवक को उपायुक्त महोदय ने किया था निलंबित।

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केरेडारी /हजारीबाग :– केरेडारी प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बारियातू में मुखिया पॉवर प्रयोग करते हुए मुखिया प्रतिनिधि विकास कुमार एवं पंचायत सेवक सुरेश प्रसाद मेहता के द्वारा लाभुक युक्ति देवी पति बंसी प्रजापति ग्राम बरियातू से जिओ टेक करने के नाम पर ₹1000 रिश्वत लिया गया था और रेकड़ बढ़ाने के नाम पर विकास कुमार के द्वारा₹10000 रिश्वत मांगने ऑडियो वायरल किया गया था एवं आरोप लगाया गया था जो कि इसकी जानकारी पंचायत के समाजसेवी सह जिला ब्यूरो मीडिया प्रभारी झारखंड उजाला जागेशवर कुमार को दी गई थी जागेश्वर कुमार के द्वारा संज्ञान लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी केरेडारी में शिकायत 17 फरवरी 2024 को किया गया था जिसका प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा तत्काल जांच टीम चिट्ठी निर्गत किया गया एवं जांच टीमों के द्वारा स्थल पर जाकर इसका भौतिक सत्यापन भी किया गया जो की लाभुक के पुत्र के द्वारा अजीत कुमार के द्वारा बीपीओ साहब के साथ बात की गई जिसकी रिकॉर्डिंग भी प्रमाण के तौर पर रहा।

इस आवाज को उपायुक्त महोदय से लेकर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन तक बात पहुंचने तक इन दोनों के आदेशानुसार बरियातू पंचायत के मुखिया नीतू कुमारी एवं मुखिया प्रतिनिधि विकास कुमार एवं पंचायत सेवक सुरेश प्रसाद मेहता को हजारीबाग पत्रांक 230 पर निलंबित किया गया एवं वित्तीय पावर मुखिया का स्विच कर लिया गया अगले आदेश तक केरेडारी पत्रांक 135 पर उप मुखिया संगीता देवी को मुखिया का पदभार दिया गया इसके बाद अपने बच बचाव के लिए शिकायतकर्ता जागेशवर कुमार के ऊपर जनप्रतिनिधियों के अलावा कुछ ग्रामीण से फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवा करके निलंबित से मुक्त करने के लिए पंचायत सेवक सुरेश प्रसाद मेहता ने ग्रामीणों को कर रहे आगे। दिनांक 12 मार्च 2024 को दिए हुए आवेदन में जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर के अलावा कुछ ग्रामीणों का हस्ताक्षर भी करवाया गया जो फर्जी तरीके से हस्ताक्षर किया गया है और किसी को पता भी नहीं है कि किस करण हस्ताक्षर किया जा रहा है और बस सिर्फ निलंबित से मुक्त होने हेतु षड्यंत्र रचा जा रहा है।

जो निराधार है क्योंकि जागेशवर कुमार मीडिया प्रभारी के दिए हुए आवेदन सच्चाई नहीं रहता तो मुखिया एवं मुखिया प्रतिनिधि एवं पंचायत सेवक को बिना सत्यापन किए हुए निलंबित किया जा सकता था क्या। जो जनप्रतिनिधि का हस्ताक्षर किया गया है आवेदन पर उस जनप्रतिनिधि इस आवेदन में दिए गए बात को संज्ञान में लेते हुए उचित जांच करके हस्ताक्षर किए हुए जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण पर उचित कानूनी कार्रवाई करने की कृपया की जाए। इसके लिए पुनः भौतिक सत्यापन के लिए फिर से जांच पहुंचे ए ई मनीष कुमार, उपर्युक्त में जो ब्यान है वो सही पाया गया।

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