सिमडेगा: निरीक्षण के क्रम में उन्होने संप्रेक्षण गृह में रहने वाले बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बच्चों को मिलने वाले सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी लेते हुए पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जस्टिस चौधरी ने बच्चों को शारीरिक रुप से फीट रखने के लिए नियमित योग कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बच्चों के कौशल विकास के लिए बच्चों को दिए जा रहे प्रशिक्षण एवं स्मार्ट क्लास की भी जानकारी लेते हुए इसे और बेहतर करने की बात कहीं। जस्टिस चौधरी ने संप्रेक्षण गृह में बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने की दिशा में संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।बच्चों ने न्यायमूर्ति जस्टिस महोदया से सिलाई, नाई प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन एवं टाइपिंग की प्रशिक्षण देने की बात कहीं। कंप्यूटर कोर्स से संबंधित बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है, कंप्यूटर प्रशिक्षण में बेहतर करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र दिया गया। न्यायमूर्ति महोदया ने वहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बात कहीं, झारखंड सामान्य ज्ञान की महत्वपूर्ण जानकारी भी देने का निर्देश दी। उन्होंने सभी बच्चों कहा कि इस परिसर से ऐसा बनाकर निकलों की आपके गुनाह को समाज के लोग भूल जाएं और आप समाज के एक बेहतर नागरिक बने।
इसके अलावा न्यायमूर्ति महोदया ने सहयोग विलेज एवं वृद्ध आश्रम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सहयोग विलेज में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही वहां की विधि-व्यवस्था का मुहैया की। इस दौरान सहयोग विलेज के बच्चियों द्वारा न्यायमूर्ति महोदया का स्वागत गान एवं पुष्प कुछ देकर स्वागत किये।इसके बाद वृद्ध आश्रम पहुंच कर न्यायमूर्ति महोदया ने बुजुर्ग वृद्ध जनों के बीच वस्त्र एवं फल का वितरण किया। तथा वहां की विधि व्यवस्थाओं से अवगत हुए। उन्होंने वृद्ध आश्रम परिसर में वृक्षारोपण भी किया।मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा श्री राजीव कुमार सिन्हा, उपायुक्त सिमडेगा श्री अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सौरभ, उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार दोराईबुरु, पीडीजे श्रीमती आशा डी भट्ट एवं अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे।