अपनी ही जमीन के मुआवजे को लेकर दर-दर भटक रहे हैं वृद्ध दंपति, लीज पर चल रहा है क्रेशर |

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यासिर अराफ़ात@ झारखंड उजाला ब्यूरो।

पाकुड़ : होर्डिंग मुर्मू नामक एक वृद्ध व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ सोमवार को खनन कार्यालय पहुंचे. उनकी शिकायत है कि उनकी जमीन पर लखन भगत नामक व्यक्ति ने क्रेशर बिठाया है. वृद्ध व्यक्ति ने लखन भगत को अपनी जमीन लीज पर दिया है. वृद्ध व्यक्ति का कहना है कि मुआवज़े के तौर पर मुझे सिर्फ एक बीघा जमीन के ऐवज़ में सालाना मात्र ₹2000 ही मिलते हैं. कुल 12 बीघा जमीन है जिसका मुआवजा सालाना 24000 मिलता है. उन्होंने कहा कि मैं यहां पर जिला खनन पदाधिकारी से मिलने आया हूं इसलिए की बीघा प्रती मात्र ₹2000 सालाना की राशि से मेरा काफी नुकसान हो रहा है. मुझे उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. लेकिन जब वृद्ध व्यक्ति कार्यालय पहुंचते हैं तो उस वक्त जिला खनन पदाधिकारी दूसरे कामों में व्यस्त रहते हैं जिसके कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाती है. वृद्ध व्यक्ति के अनुसार जिला खनन पदाधिकारी ने उनसे कहा है कि आप 2 घंटे के बाद आईये आपकी शिकायत सुनी जाएगी. वही पाकुड़ में अपनी सेवा देने वाले रिटायर्ड डीएसपी सनत कुमार सोरेन उनके साथ थे. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन को किस कानून के आधार पर लीज दिया जा रहा है

यही जानने के लिए मैं इस कार्यालय में आया हूं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम सभा जमीनी स्तर पर हुआ है ऐसा मुझे कहीं पर भी नहीं दिखा है. सिर्फ कागजी प्रक्रिया दिखाते हुए ग्राम सभा को दर्शाया गया है. हालांकि इस बात में कहां तक सच्चाई है यह जांच का विषय है.इसकी जानकारी के लिए जिला खनन पदाधिकारी से मुलाकात करने की कोशिश की गई परंतु व्यस्तता होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई और इस विषय में उनका पक्ष दर्शाया नहीं जा पा रहा है. लेकिन विश्वस्त सूत्रों की जानकारी के मुताबिक अक्सर ग्राम सभा सिर्फ कागजी प्रक्रिया में ही दर्शाया गया है.

सूत्र बताते हैं कि ग्रामीणों की बिना सहमति से ही लोगों को किसी तरह बहला फुसला कर हस्ताक्षर और टिप निशान ले लिया गया है. बहरहाल सच्चाई जो भी हो इस विषय में प्रशासन को जांच करने की आवश्यकता है. झारखंड उजाला अखबार इस बात की पुष्टि नहीं करता की ग्राम सभा हुआ है या नहीं. यह जांच का विषय है. सूत्रों का दावा गलत और सही दोनों हो सकता है. जांच करने के पश्चात ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इस विषय पर सनत कुमार सोरेन जो अभी मांझी परगना लहंती वैसी संगठन चलाते हैं और उस संगठन के वह जिला अध्यक्ष भी है. उन्होंने कहा कि जिन जिन क्षेत्रों में लीज हुआ है और कागजी प्रक्रिया में ग्राम सभा को दर्शाया गया है. उसमें ग्रामीणों का जो हस्ताक्षर है सभी से पूछा जाएगा कि आप अपनी सहमति से ही हस्ताक्षर किए हैं या फिर बहला फुसलाकर आपसे हस्ताक्षर लिया गया है

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