यासिर अराफ़ात@ झारखंड उजाला ब्यूरो
पाकुड़ : शुक्रवार पाकुड़ विधानसभा के लिए नामांकन किए हुए प्रत्याशी का नाम वापस लेने का आखिरी दिन था. साथ ही सभी उम्मीदवारों को सिंबल( छाप )आवंटित करने का दिन था. जिला समाहरणालय स्थित निर्वाचन पदाधिकारी जेम्स सुरीन ने सभी उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव हेतु दिशा निर्देश देने के लिए एक ही स्थल पर सभी को बिठाया. जहां पाकुड़ विधानसभा के सभी दिग्गज नेता पहुंचे. फिर चाहे वह अकील अख्तर, अज़हर इस्लाम, शंभू भगत, मुकेश शुक्ला, हंजेला शेख,हाजी तनवीर आलम, असरफुल शेख, कांग्रेसी नेता सहित सभी उम्मीदवार एक ही जगह दिखाई दिए. मंजर देखने लायक था क्योंकि चुनावी सभा में एक दूसरे के खिलाफ हमला करने वाले अक्सर नेता एक दूसरे के साथ बात करते हुए भी दिखे और हाथ मिलाते हुए भी दिखे. राजनीतिक लड़ाई,विचारधारा की लड़ाई अलग होती है. राजनेताओं के बयान सिर्फ और सिर्फ राजनीति से ही प्रेरित होता है.
राजनेताओं की आपसी रंजिश बहुत कम होती है. लेकिन सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर पर राजनेताओं के प्रेमी और फैन एक दूसरे से झगड़ पड़ते हैँ. दिलचस्प बात तो यह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में खासकर पाकुड़ विधानसभा कि उम्मीदवारों के लिए सोशल मीडिया में जंग छिड़ गई है. अपने-अपने नेताओं के लिए सोशल मीडिया का जमकर उपयोग हो रहा है. कई लोग ऐसे ऐसे सोशल मीडिया में पोस्ट कर देते हैं जिससे आपसी रंजिश बढ़ सकती है. जरूरत के मुताबिक ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना ही एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारी होगी. इधर जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सोशल मीडिया को लेकर अलर्ट मोड पर है. सोशल मीडिया के हर एक पोस्ट और कमेंट पर जिला प्रशासन की नजर है. इसीलिए सोच समझ कर ही सोशल मीडिया में पोस्ट डालना बेहतर होगा