यासिर अराफ़ात @झारखंड उजाला ब्यूरो
पाकुड़ : पाकुड़ विधानसभा से इस बार इस विधानसभा के पूर्व विधायक रह चुके अकील अख्तर हाल ही में समाजवादी पार्टी का दामन थामते हुए चुनावी मैदान में उम्मीदवार के तौर पर उतरे थे. 2019 में वे सुदेश महतो की पार्टी आजसू की टिकट पर इस क्षेत्र में चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें कहीं ना कहीं यह लगा था कि इस क्षेत्र के लोग भाजपा समर्थित पार्टी के ऊपर भरोसा नहीं करते है, और ना ही पसंद करते है, इसी कारण से उन्होंने आजसू पार्टी से त्यागपत्र देते हुए समाजवादी पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे, अकील अख्तर और उनके समर्थकों ने पूरे चुनावी मौसम में जमीनी स्तर पर नुक्कड़ सभा से लेकर, बड़े-बड़े चुनावी सभाएं की, घर-घर जाकर लोगों से वोट मांगे, उम्मीद यही जताई जा रही थी कि शायद इस बार कांग्रेस को अकील अख्तर कांटे की टक्कर दे दे. परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. चुनाव का परिणाम जैसे ही आया सबको चौंका दिया. निशात आलम विजयी घोषित हुई. वहीं दूसरे नंबर पर अजहर इस्लाम रहे, अकील अख्तर को महज़ 47039 वोटो से संतुष्टि करनी पड़ी.उनकी हार के पीछे सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है कि क्षेत्र के पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए कांग्रेस प्रत्याशी की ओर अपना रुख किया और प्रचंड मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलवाई.लेकिन इतना कम वोट की उम्मीद शायद अकील अख्तर ने भी नहीं की थी. क्योंकि 2019 में उन्हें 40000 के आसपास वोट मिले थे और इस बार का आकलन यही सामने आ रहा था कि वे आलमगीर आलम की धर्मपत्नी निशात आलम को टक्कर दे सकते हैं,परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. आखिरकार अजहर इस्लाम के साथ-साथ अकील अख्तर को भी हार का सामना करना पड़ा.