साहिबगंज(उजाला)।मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक अक्षमता से ग्रस्त व्यक्ति सभी मानवीय अधिकार और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार हैं । इनलोगों को विशेष सुरक्षा की आवश्यकता है । इन समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति सभी मानवीय अधिकार और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार हैं। मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को विधिक सेवाएं देते समय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार का यह मुख्य सरोकार यह है कि इन व्यक्तियों के मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित एवं रक्षित किया जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि वह अपने मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूर्ण, सम्मानपूर्वक और समान आनंद ले सकें ।उपर्युक्त बातें मंगलवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज श्री अखिल कुमार ने झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार दो दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम ‘ मनोन्याय ‘ के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरन कहीं।उन्होंने कहा कि नालसा कानूनी सेवाएं मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों और बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को योजना, 2024 के तहत नवगठित कानूनी सेवा इकाई मनोन्याय गठन किया गया।
इस इकाई का मुख्य उद्देश्य मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करना है।सर्व प्रथम कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज श्री अखिल कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रशिक्षु जिला न्यायाधीश पुर्नेंदु शरण, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष राकेश कुमार मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव विश्वनाथ भगत, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी तुषार आनंद, डॉ० मोहन मुर्मू, डॉ० अनिमेष कुजुर, अधिवक्तागण, पीएलवी न्याय मित्र सहित अन्य उपस्थित थे।



