पाकुड़ : सदर प्रखंड के इसाकपुर पंचायत में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 वे वित्त एवं मनरेगा योजनाओं में पारदर्शिता बिलकुल नहीं है. सूत्रों की जानकारी के अनुसार अब तक मनरेगा एवं 15वें वित्त के तहत जितने भी विकास कार्य हुए हैं सभी कार्यों की अगर उच्च स्तरीय जांच की जाए तो बहुत कुछ उजागर हो सकता है. सूत्रों की माने तो हर एक योजना के एवज में मोटी रकम का बंदर बांट पंचायत के प्रतिनिधि, पंचायत के कर्मी, एवं अन्य लोगों के बीच होता है. सूत्रों का यह भी कहना है कि बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं जो धरातल पर है ही नहीं और जिसकी फर्जी निकासी कर ली गई है. जिसमें से कई दीदी बाड़ी योजना के नाम से कई अलग-अलग लाभुकों का नाम देकर फर्जी तरीके से निकासी की गई है. वही सूत्रों का आरोप है कि 15वें वित्त के तहत एक ऐसा पीसीसी सड़क का निर्माण भी हुआ है जो इसाकपुर पंचायत में पड़ता ही नहीं है. सूत्र का कहना है कि जो पीसीसी सड़क 15 वे वित्त से की गई है वह किसी दूसरे पंचायत का क्षेत्र है. अब सवाल यहां पर यह आता है कि अपना पंचायत छोड़कर किसी दूसरे पंचायत मैं कार्य करने का क्या मतलब. बहरहाल इन सभी विषयों पर गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है. इन कथित आरोपों एवं सूत्रों की जानकारी की उच्च स्तरीय जांच करने की आवश्यकता है. वहीं अगर सूत्रों की माने तो पंचायत में हुए विकास कार्यों के नाम पर सरकारी राशि का बंदर बांट हुआ है जो जांच का विषय है.
इसाकपुर पंचायत में विकास कार्य के नाम पर गड़बड़ झाला? क्या होगी उच्च स्तरीय जांच?
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