धनबाद। रांची के निजी चैनल के मालिक अरूप चटर्जी पर मुसीबतों का पहाड़ टूटता दिख रहा है. एक के बाद एक संगीन मामले सामने आ रहे हैं और पुलिस उन्हें रिमांड कर रही है. अरूप चटर्जी को धोखाधड़ी के एक अन्य आठ साल पुराने मामले में रिमांड करने का आवेदन दिया गया है. बैंक मोड़ पुलिस ने शुक्रवार को सीजेएम संजय कुमार सिंह की कोर्ट में अर्जी देकर अरूप चटर्जी को इस मामले में रिमांड करने की प्रार्थना की. अपर लोक अभियोजक जब्बार हुसैन की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत ने अरूप चटर्जी के विरुद्ध प्रोडक्शन वारंट जारी कर जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि अरूप को न्यायालय में पेश किया जाए.
कोर्ट की ओर से अरूप चटर्जी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर मंडल कारा धनबाद को भेज दिया गया है. संभवत: सोमवार को अरूप चटर्जी को इस मामले में रिमांड किया जा सकता है. अरूप चटर्जी का इस मामले में 22 अगस्त 2014 को अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो चुकी है.
वहीं , अरूप चटर्जी के रांची स्थित आवास व न्यूज 11 के कार्यालय से जब्त इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट लेकर धनबाद पुलिस शुक्रवार की शाम रांची से लौटी है. इससे पूर्व पुलिस ने जब्त इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट को रांची स्थित अदालत में पेश किया. वहां से अनुमति प्राप्त करने के बाद पुलिस उक्त गैजेट को धनबाद लाई है और शनिवार को पुलिस उसे साक्ष्य के तौर पर न्यायालय में पेश करेगी. वहीं कोयला कारोबारी मैनेजर राय के घर, होटल व फैक्ट्री से बरामद, पेन ड्राइवर, कागजात समेत विभिन्न दस्तावेज को भी न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा.
इधर, दूसरी ओर गोविंदपुर में ब्लैक मेलिंग एवं धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने वादी सह कोयला कारोबारी राकेश ओझा और विक्की श्रीवास्तव का न्यायालय में धारा 164 के तहत बयान कराया. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुटकी थाना के चिट फंड मामले में अरूप चटर्जी के खिलाफ एक दो दिन के भीतर उपभोक्ता निवेशकों द्वारा धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज होने की उम्मीद है. वहीं पुलिस पूरी गोपनीयता और सावधानी बरतते हुए एक पर एक पुराने मामले को खंगाल रही है. इसके लिए टीम बनाकर काम किया जा रहा है. बताया जाता है कि कई पुलिस अधिकारी अरूप चटर्जी और मैनेजर राय से जुड़े मामले को लेकर धनबाद जिला से बाहर इन दिनों की कुंडली खंगाल रहे हैं.
अरूप चटर्जी के खिलाफ एक मामला देवघर का भी खुल गया है. बताया जा रहा है कि 22.95 लाख रुपये के गबन के मामले में सीजेएम संजीव कुमार वर्मा की अदालत ने अरुप चटर्जी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया है. यह प्रोडक्शन वारंट नगर थाना पुलिस तथा इस केस से जुड़ी जांच अधिकारी सुमन कुमारी द्वारा न्यायालय को दिये गये आवेदन के आलोक में न्यायालय ने जारी किया है. इस पूरे मामले में 27 जुलाई को अगली तिथि निर्धारित की गई है, जिसमें अरुप को पेश किया जाना है. देवघर नगर थाना में कांड संख्या 11/2014 दर्ज है. अरुप चटर्जी के खिलाफ यह प्राथमिकी बाबा वैद्यनाथधाम कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह ने दर्ज कराई थी.
आठ साल पुराने मामले में रिमांड
अरूप चटर्जी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला वर्ष 2014 में बैंक मोड़ थाना में दर्ज किया गया था. शास्त्री नगर स्थित क्लासिक ऑटोमोबाइल के टाटा मोटर्स के मालिक राजन प्रसाद ने अरूप चटर्जी को आरोपी बनाते हुए आरोप लगाया गया था कि 10 मार्च 2014 को अरूप चटर्जी उनके शोरूम में गाड़ी खरीदने आए. उन्होंने सफारी गाड़ी खरीदने की बात कही. गाड़ी की कीमत 11 लाख 10 हजार 605 रुपया बताई गई. पुनः 14 मार्च 2014 को अरूप चटर्जी अपने सरकारी अंगरक्षक के साथ शोरूम में आए और गाड़ी तुरंत डिलीवर करने को कहा. उन्हें आश्वासन दिया कि शाम तक उनका सारा पैसा या तो वह खुद आकर दे देंगे या भिजवा देंगे. अरूप चटर्जी की बातों में आकर उन्होंने गाड़ी दे दी. बाद में मंत्री का धौंस दिखाकर पैसा नहीं दिया. मांगने पर धमकी दी.
बंगाल भेजने की अनुमति नहीं, वीसी से होगी पेशी
अरुप चटर्जी को शारीरिक रूप से बंगाल के बारासात कोर्ट में पेश नहीं किया जाएगा. सीजेएम संजय कुमार सिंह की अदालत ने जेल प्रशासन की ओर से दाखिल किए गए आवेदन को खारिज कर दिया है. जेल प्रशासन ने बंगाल के न्यायालय के प्रोडक्शन वारंट के आधार पर अरूप को पेश करने की अनुमति मांगी थी. उनके अधिवक्ता शाहनवाज अब्दुल मल्लिक की ओर से अरूप चटर्जी को बंगाल में जान का खतरा बताया गया था.