लोहरदगा में अंजुमन तरक्की उर्दू की नई कमिटी का गठन, उर्दू भाषा के विकास पर जोर।

Views: 0

लोहरदगा के होटल ताज, अमला टोली में रविवार क़ो अंजुमन तरक्की झारखंड की राज्य स्तरीय डेलीगेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें लोहरदगा की 15 सदस्यीय कमिटी का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ। बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक हाजी अयूब खलीफा ने की। इस दौरान संगठन के कार्यों और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा हुई और उर्दू भाषा के संरक्षण एवं विकास के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से प्रो. अब्दुल कुदूस कुरैशी को अध्यक्ष चुना गया, जबकि मो. असलम, प्रो. नईम खान और महबूब आलम को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रो. अरशद मोमिन को सचिव और यूसुफ खान को कोषाध्यक्ष बनाया गया। तौफीक अहमद सह-कोषाध्यक्ष, जबकि अली रजा अंसारी, मुजफ्फर आलम और अमीरुल्लाह अंसारी सह-सचिव चुने गए। इसके अलावा, मुमताज अहमद को प्रवक्ता और आबिद हुसैन, सगीर अंसारी, खालिद अहमद बादल, जाहिद अहमद और मो. शाहनवाज को वरीय सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए राज्यस्तरीय कमिटी के कन्वेनर एम. जेड. खान ने कहा कि अंजुमन तरक्की उर्दू एक ऐतिहासिक संस्था है, जिसका उद्देश्य उर्दू भाषा को उसका सही स्थान दिलाना है।

उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आज उर्दू भाषा को वह सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसका वह हकदार है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेजों में उर्दू शिक्षकों की कमी, पाठ्य पुस्तकों की अनुपलब्धता और समाज की उदासीनता इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने सरकार से उर्दू भाषा की शिक्षा को बढ़ावा देने और इसे मुख्यधारा में शामिल करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। रांची विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अहमद सज्जाद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उर्दू भाषा के संवर्धन और संरक्षण के लिए समाज को जागरूक होना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सरकार से अपनी जायज़ मांगों को मजबूती से रखें और उर्दू भाषा की बेहतरी के लिए आंदोलन करने से भी पीछे न हटें।स्टेट कमिटी के सदस्य मो. गुफरान और मुमताज अहमद ने कहा कि उर्दू किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीय संस्कृति की भाषा है। इसे बचाना और बढ़ावा देना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। इस अवसर पर प्रो. कुदूस कुरैशी ने विषय प्रवेश कराया, जबकि सभा का संचालन प्रो. अरशद मोमिन ने किया। सभा में एनामुल हक, हाजी रियासत, मो. नईम, महबूब अंसारी, तौहीद आलम, साबिर हुसैन, सगीर अंसारी, जाहिद अहमद, मो. शाहनवाज, समी उल्लाह, मो. आदिल सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। बैठक के अंत में सेवानिवृत्त शिक्षक हाजी लुकमान अहमद ने सभा की समाप्ति की घोषणा की। सभी उपस्थित सदस्यों ने उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार और इसे आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top