सावन की पहली सोमवारी आज, मंदिरों में भक्तों की उमड़ेगी जन सैलाब
शशि कांत यादव
तीनपहाड़/साहिबगंज।
तीनपहाड़ के आसपास सभी भोलेनाथ के मंदिरों में आज से भक्तों की भारी भीड़ रहेगी। हिंदू पंचाग के अनुसार सावन का पहला सोमवार आज से ही प्रारंभ हो रहा है, इसी दिन से सावन माह की शुरुआत होगी। इस दिन व्रत रखने और शिवजी का अभिषेक करने का विधान है।
सावन मास हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और विशेष रूप से सावन के पहले सोमवार का दिन अत्यधिक पवित्र माना जाता है। इसे ‘पहला सोमवारी’ या ‘वन सोमवार’ भी कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से न केवल भक्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन की समस्याओं का समाधान भी होता है।
सावन के पहले सोमवार का महत्व
हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। यह दिन पापों से मुक्ति और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के ध्यान और उपासना से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन के संकट दूर हो सकते हैं। सावन के पहले सोमवार की पूजा विशेष रूप से भक्तों को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है। इस दिन शिवलिंग की पूजा करके और नियमों का पालन करके आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
शिव उपासना :-
स्नान और शुद्धता- सावन के पहले सोमवार को प्रात: जल्दी उठकर स्वच्छता का ध्यान रखें और नहाकर साफ वस्त्र पहनें। शिवजी की पूजा में शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्धता बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है।
शिवलिंग की पूजा- भगवान शिव की पूजा के लिए या तो शिव मंदिर जाएं या घर पर एक शिवलिंग की स्थापना करें।
अभिषेक- शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और गंगाजल का अभिषेक करें। यह प्रक्रिया पवित्रता और समर्पण का प्रतीक होती है।
धूप और दीप- शिवलिंग के पास दीपक और धूप जलाएं। इससे वातावरण पवित्र होता है और पूजा की शक्ति बढ़ती है।
मंत्र जाप- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान शिव की आराधना में अत्यंत प्रभावशाली होता है।
फल-फूल अर्पित करें- भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा का फूल और फल अर्पित करें। बेलपत्र विशेष रूप से भगवान शिव को प्रिय होते हैं।