लोहरदगा l जिला के कांग्रेसी नेता आलोक कुमार साहू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट कर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के प्रभावित क्षेत्र की ग्राम सभाओं द्वारा जमीन नहीं देने के लिए गए निर्णय के आलोक में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार नहीं कर इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग किये। श्री साहू ने कहा कि एकीकृत बिहार के समय 1954 मैनुअल मैनुवर्स फील्ड फायरिंग और आर्टिलरी प्रैक्टिस एक्ट 1938 की धारा 9 के तहत नेतरहाट पठार के सात राजस्व ग्राम में तोपाभ्यास (तोप के गोले दागने के अभ्यास) के लिए अधिसूचित किया गया था। 1991 और 1992 में तत्कालीन बिहार सरकार ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए अधिसूचना जारी की, जिसमें उन्होंने अवधि का विस्तार करते हुए इसकी अवधि 1992 से 2002 तक कर दी, इस अधिसूचना के तहत केवल अवधि का ही विस्तार नहीं किया बल्कि क्षेत्र का भी विस्तार करते हुए सात गांव से बढ़ाकर 245 गांव को भी अधिसूचित कर दिया गया था। श्री साहू ने कहा कि यह पूरा इलाका भारतीय संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत आता है। जहां पेशा एक्ट 1996 लागू है इसमें ग्राम सभाओं को अपने क्षेत्र के सामुदायिक, संसाधन, जंगल, जमीन, नदी – नाले और अपने विकास के बारे में हर तरह का निर्णय लेने का अधिकार है। श्री साहू ने कहा कि अधिसूचना रद्द करने के लिए इस क्षेत्र के हजारों लोग विगत 28 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं । नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार 11 मई 2022 को समाप्त हो रही है। गृह मंत्रालय को इस क्षेत्र के ग्राम सभाओं के द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में अधिसूचना रद्द कर देना चाहिए।
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करें केंद्रीय गृह मंत्रालय :-आलोक साहू
