विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन
लोहरदगा: शनिवार को लोहरदगा समाहरणालय मैदान गेट के समीप एक दिवसीय धरना जिला स्तरीय विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक एवं रैयत जमीन की लूट/अतिक्रमण को रोकवाने एवं सीबीआई द्वारा जांच करवाने को लेकर यह प्रर्दशन किया गया। जिला में अनेकों भूमाफियाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर आदिवासियों का जमीन लूटा व अतिक्रमण किया जा रहा है। ज्ञापन सौंपते हुये लोहरदगा उपायुक्त महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री झारखंड सरकार रांची को लिखित पत्रचार कर आवगत कराया जाए। इसी विषय पर आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक एवं रैयती जमीन को रोकवाने और सीबीआई द्वारा जांच के लिए निम्नलिखित बिन्दु हैं जैसे पूर्वजों के नाम पर जो खतियानी जमीन है उस जमीन का वंशावलियों के नाम बिना दाखिल खारिज के वंशावली के आधार पर जमीन की बिक्री के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचल अधिकारी द्वारा स्वीकृति प्रदान किया जाए। उसे यथाशीघ्र रोक लगाया जाए। हजारों भुईहरी जमीन को कायमी जमीन बनाकर खरीद बिक्री किया जा रहा है उसे अभिलम्ब रोक लगाया जाए।
आदिवासी जमीन की खतियान को इस्तीफा दिखाकर गैर आदिवासी जमीन बनाया जाता है। सादा पट्टा द्वारा आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगाया जाए। गैर मंजुरूआ खास, मालिक, परती,परती कदीम,जंगल का रखात, जंगल झाड़ एवं चरवाहा भूमि को फर्जी कागज बनाकर खरीद बिक्री किया जाता है। लोहरा आदिवासी के खतियान जमीन को सामान्य जाति का जमीन बताकर खरीद बिक्री किया जाता है। भूमि अभिलेख कक्ष से बहुत से मौजा का खतियान का अभिलेख उपलब्ध नहीं है। इसकी जांच सी बी आई द्वारा जांच करायी जाए। हाल सर्वे को बिना बुझारत का प्रकाशित कर computerize किया गया है, जिससे घोर अनिमितताएं हैं इसे यथाशीघ्र सुधार संशोधित कराया जाए। सीएनटी एक्ट को शक्ति से लागू करें और धरातल पर उतारें। सी एन टी एक्टके धारा 71(ए) को स्वत:संज्ञान लेते हुये हड़पी हुई आदिवासी जमीन को वापस कराया जाए।
झारखंड में भूमि बैंक को रद्द किया जाए एवं पूर्व की भांति भुईहार/खूंटकटीदारों के अधीन सामूहिक जमीन को सामाजिक दायरे में रखा जाए। हजारों एकड़ खूंटकटी एवं भुईहरी जमीन को कायमी जमीन बनाकर खरीद बिक्री किया जा रहा है उसे रोका जाए। आदिवासी लड़की को गैर आदिवासी लड़का द्वारा पत्नी बनाकर उसके नाम से जमीन बिक्री हेतु जाति/आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत में पति का नाम दर्ज करना अनिवार्य किया जाए। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से सोमदेव उरांव राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा जिला समिति जिलाध्यक्ष, जिला सचिव सुकेद्र उरांव, महासचिव जलेश्वर उरांव, कोर कमिटी फूलदेव भगत, सोमे उरांव, बिरसा उरांव, उपबेल वीरेंद्र उरांव, आदिवासी महासभा देवकुमार धान, बिहारी भगत ऐतिहासिक जतरा भक्सो अध्यक्ष, बुधराम उरांव, बालमुकुंद लोहरा केंद्रीय लोहरा समाज अध्यक्ष, चैतु उरांव जिलाध्यक्ष सरना समिति लोहरदगा, फूलचंद तिर्की केंद्रीय अध्यक्ष सरना समिति, महादेव उरांव आदिवासी छात्र संघ जिलाध्यक्ष, रघु उरांव केंद्रीय सरना समिति, एंड खेप्पो कुड़ूख लुरकुरिया ईरगांव,
रवि नारायण माली, सुधु भगत, राज किशोर भगत, राममोहन टाना भगत, कृष्ण भगत, बिरसी उरांव, मानकी उरांव समेत भारी संख्या में विभिन्न आदिवासी संगठनों के लोग मौजूद थे।